अध्ययन मनन गोष्ठी
Location: अभ्युदय संस्थान, अछोटी, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़
Date: 2 से 8 दिसम्बर 2024
Prabodhak: श्रीराम नरसिम्हन भैया, पुणे
Language: हिंदी
Phone/Email: चंद्रशेखर राठौर भैया 9893025307, मंजीत भैया 9981186657
Registration Link: https://forms.gle/UcJJjhkmbMT93wk36
Invitation Note
मान्यवर,🙏
अभ्युदय संस्थान, अछोटी में प्रथम “अध्ययन – मनन गोष्ठी” (अध्ययन में गहराई एवं गंभीरता हेतु…) के लिए.. आरक्षित करें अपना समय🙏
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2 से 8 दिसम्बर 2024 @ अभ्युदय संस्थान, अछोटी
‘अध्ययन’ एवं ‘अभ्यास’ पर मैत्री विधि से विचार विमर्श;
यह सत्र परस्पर ‘शोध-गोष्ठी’ के रूप में किया जायेगा
समन्वयक:
श्रीराम नरसिम्हन, पुणे
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सूचना:
आइये, सार्थक और मानवीय शिक्षा के साथ यह शिविर मित्रों और परिवार सहित जरुर अटेंड करें..
– पंजीयन अनिवार्य है व सूचना हेतु व्हाट्सप्प ग्रुप जरूर जॉइन करें….
पंजीयन फॉर्म लिंक-
https://forms.gle/UcJJjhkmbMT93wk36
Join WhatsApp Group-
https://chat.whatsapp.com/F27IbzQfmdDF3EajWFAKTO
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– यह 7 दिन का आवासीय शिविर है।
– शिविर का और रहने का कोई भी शुल्क नहीं है, शिविर में रहने की सामान्य व्यवस्था उपलब्ध है।
और खाने के खर्च का वहन हो सके, इसलिए भोजन हेतु सहयोग राशि अपेक्षित है।
(अनुमानित खर्च के अनुसार, सहयोग राशि ₹150 प्रति व्यक्ति प्रति दिन अपेक्षित है)
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शिविर संबंधित सूचना के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है,
यदि आप इस शिविर को अटेंड करने वाले हैं तो जॉइन करें🙏 नीचे लिंक पर क्लिक करें.
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‘अध्ययन-मनन शिविर’ के बारे में..: –
मध्यस्थ दर्शन सहज पठन, अध्ययन के साथ ‘अध्ययन’ एवं ‘अभ्यास’ को लेकर बहुत सारे मुद्दों पर स्पष्टता की आवश्यकता का होना हम विद्यार्थियों के लिए सहज है |
जैसे, ‘अध्ययन’ क्या मात्र बौद्धिक प्रक्रिया है?
अध्ययन और अभ्यास में क्या सम्बन्ध है?
‘जीना’ का मतलब क्या है?
‘व्यवहाराभ्यास’ के बिंदु क्या हैं? कैसे करें?
कर्माभ्यास, श्रम, स्वावलंबन एवं स्वधन में सम्बन्ध क्या है?
‘व्यवस्था में भागीदारी’ एवं ‘समाज परिवर्तन’ एक हैं, की भिन्न हैं?
लोकव्यापीकरण योजना के साथ ‘स्वयं के पहचान’ का स्वरूप क्या है?
अध्ययन विधि में बाधाएं एवं उनका निदान क्या है?
चिन्तानाभ्यास का मतलब क्या है?
‘जीना’, ‘अभ्यास’ के विभिन्न आयामों में संतुलन कैसे बनाएं?
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परिस्थितियों को झेलना:
हमारे वर्तमान के पारिवारिक, आर्थिक, शैक्षणिक, व्यावहारिक, सामाजिक वस्तुस्थितयां को कैसे समझें एवं ‘पूर्णता’ के वस्तु के साथ कैसे तालमेल बैठाएं?
आइये, इन मुद्दों पर ज्ञानार्जन करें
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संभावित उपलब्धि:-
स्पष्टता: – पुस्तक पढने के साथ / बाद क्या करें? शास्त्राभ्यास, ‘श्रवण’ सहज निष्कर्ष!! वर्तमान ‘वस्तुस्थितियों’ को झेलना: स्थान, धन, सम्बन्ध… !!
निम्न बिन्दुओं पर प्रवेश हेतु: – व्यवहाराभ्यास ? कर्माभ्यास? ‘व्यवस्था में भागीदारी’? ‘चिंतनाभ्यास’? दैनिक अभ्यास एवं जीना..!!
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प्रवेश आधार:-
मध्यस्थ दर्शन सम्पूर्ण वांग्मय
(4 दर्शन, ३ वाद, ३ शास्त्र) न्यूनतम दो से अधिक बार पढ़ें मित्रों के लिए मात्र यह शिविर है….
(पुस्तक पठन के पूर्व/पर ‘अवलोकन शिविर’ है, उसे कर सकते हैं)
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संपर्क-
पता: मानवीय शिक्षा शोध संस्थान
अभ्युदय संस्थान, अछोटी, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़
चंद्रशेखर राठौर भैया 9893025307 (whatsapp/call) 9301625307 (call),
मंजीत भैया 9981186657 (call), 9301359227 (whatsapp)
धन्यवाद🙏
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