6 month madhyasth darshan adhyayan shivir (full-time) in Achoti (Raipur)
भूमिका:
वर्ष 2013 से अभ्युदय संस्थान अछोटी हर वर्ष एक पूर्णकालिक 6 माही अध्ययन शिविर का आयोजन करता रहा है | इस शिविर में औसतन 30 लोग भागीदारी करते हैं | सामान्यतया जो लोग जीवन विद्या को विकल्प रूप स्वीकार चुके है ,अपनी नौकरी या व्यापार को कुछ या पूरा समेट चूके हैं (या ऐसी योजना है) , ऐसे प्रतिभाशाली लोगों को इस शिविर में गहन अध्ययन का अवसर मिलता है |
उद्देश्य :
- मध्यस्थ दर्शन सह-अस्तित्ववाद समझने एवं जीने के विकल्प रूप में स्थापित होना|
- मध्यस्थ दर्शन वांग्मय का परिभाषा एवं अर्थ-संगत सघन पठन, जिससे शिविरार्थी दर्शन के अवधारणाओं से पूर्णतय: अवगत हों
- विश्लेषण पूर्वक शब्द से अर्थ निकाल पाये जिससे शिविरार्थी अपने स्तर पर वांगमय को पढ़ने मे, अर्थात शास्त्राभ्यास हेतु योग्यता में समर्थ हों
- ‘जागृति’ लक्ष्य के रूप मे स्थापित होना
- जागृति हेतु अध्ययन-अभ्यास प्रक्रिया का स्पष्ट होना
- शिक्षा के मानवीयकरण के लिए अर्हता विकसित होना
- मानवीय शिक्षा की आवश्यकता स्पष्ट होना
- शिक्षा में भागीदारी हेतु मानसिकता एवं ‘चेतना विकास मूल्य शिक्षा’ से अवगत होना
- परिवारमूलक स्वराज्य व्यवस्था रूप में जीने की तैयारी
- स्वधन-स्वनारी/पुरुष-दयापूर्ण कार्य व्यवहार के लिए मानसिकता पुष्ट होना
- मूल्य पूर्वक जीने के लिए व्यवहारिकताए समझ में आना
- तन-मन-धन का सदुपयोग सुरक्षा के लिए मानसिकता पुष्ट होना
- अखंड सामाजिकता की दृष्टि से अवगत होना
- वर्तमान स्थिति से स्वराज्य व्यवस्था में संक्रमण का क्रम स्पष्ट होना |
योजना :
- 6 माह में मध्यस्थ दर्शन के मूल वांगमय के रूप में 14 पुस्तकों का अध्ययन होना है |
- 6 माह के काल में पुस्तकों के विधिवत पठन पर प्राथमिकता रहेगी | शिविरार्थियों द्वारा 4 बार प्रत्येक पृष्ठ को पढ़ा जाना अपेक्षित है , इसके लिए यह क्रम रहेगा :-
- प्रथम बार सामूहिक पठन में 100 पृष्ठ
- द्वितीय बार सामूहिक पठन में 25 पृष्ठ
- तृतीय बार स्वयं के स्तर पर 25 पृष्ठ
- चतुर्थ बार 5-5 पृष्ठ करके समूह के रूप विश्लेषण, चर्चा पूर्वक पठन
अध्ययन क्रम तालिका
पुस्तक | कुल पृष्ठ | कुल दिन | दिनांक से | दिनांक तक |
पूर्व तैयारी (optional) | 30 | 15-07-19 | 14-08-19 | |
विकल्प अध्ययन बिन्दु | 48 | 7 | 15-08-19 | 22-08-19 |
जीवन विद्या एक परिचय | 122 | 10 | 23-08-19 | 02-09-19 |
मानव व्यवहार दर्शन | 180 | 30 | 03-09-19 | 03-10-19 |
मानव कर्म दर्शन -1 | 162 | 10 | 04-10-19 | 14-10-19 |
REVISION or सम्मेलन मे भागीदारी | 5 | 15-10-19 | 20-10-19 | |
मानव कर्म दर्शन -2 | 7 | 21-10-19 | 28-10-19 | |
मानव अभ्यास दर्शन | 175 | 17 | 29-10-19 | 15-11-19 |
मानव अनुभव दर्शन | 50 | 10 | 16-11-19 | 26-11-19 |
व्यव्हारात्मक जनवाद | 142 | 10 | 27-11-19 | 07-12-19 |
समाधानात्मक भौतिकवाद | 362 (211) | 15 | 08-12-19 | 23-12-19 |
BREAK (रिवीजन + 24-31 शिविर मे भागीदारी+परिवार मिलन) | 7 | 24-12-19 | 31-12-19 | |
अनुभवात्मक अध्यात्मवाद | 271 (158) | 10 | 01-01-20 | 11-01-20 |
व्यवहारवादी समाजशास्त्र | 313 (183) | 10 | 12-01-20 | 22-01-20 |
आवर्तनशील अर्थशास्त्र | 300 (175) | 10 | 23-01-20 | 02-02-20 |
मानवसंचेतनावादी मनोविज्ञान | 254 (148) | 15 | 03-02-20 | 18-02-20 |
मानवीय संविधान | 300 (175) | 9 | 19-02-20 | 28-02-20 |
समापन | 1 | 29-02-20 | ||
परिभाषा संहिता | 224 | अन्य पुस्तकों के | साथ साथ |
शिविर में आने की पूर्व तय्यारी / योग्यता
६ माह शिविर में आने से पहले आप:
- ‘प्राथमिक परिचय शिविर’, एवं ‘अध्ययन बिन्दु परिचय शिविर’, कीये हों
- २-३ पुस्तकें पहले से पढ़े हों, अथवा वांग्मय का एक बार पठन हुआ हो
- पूर्व में अंश कालीन अध्ययन शिविर (१ माह अवलोकन /२ / ३ वर्षीय शिविर) किये रहने से इसमें और अच्छी गति बनेगी
नए शिविरर्थियों के अर्हता-वर्धन के लिए विशेष सत्र (1 month session)
जो शिविरार्थी पूरे वांगमय का कुछ भी पठन नहीं करके आए हैं | ऐसे में शुरुआती समय में जब दर्शन वाले पुस्तके चल रही होती है तब शिविरार्थियों को कुछ कठिनाई आती है | हालांकि लगभग 3 माह बाद सब कुछ सामान्य भी हो जाता है ,पर शुरू से ही अध्ययन प्रक्रिया सहज रूप से चले इसके लिए
- 6 माही शिविर शुरू होने से पहले 1 माह का अर्हता वर्धन शिविर रखा गया है |
- इस शिविर का dates 15 जुलाई से 14 अगस्त हैं |
- इस अर्हता वर्धन शिविर का प्रारूप विकल्प-अध्ययन बिन्दु पुस्तक के आधार पर रहेगा, साथ में परिभाषा संहिता व व्यवहार दर्शन का कुछ भाग रहेगा |
- जिन प्रतिभागियों से सिर्फ परिचय शिविर ही किया है वे 6 माह के अर्हता शिविर मे आकर शिविर मे भाग लेंगे |
दिनचर्या:
अध्ययन काल में शिविरार्थियों का दिनचर्या पूरे 6 माह में स्थिर रहेगा |
श्रमाभ्यास सुबह 6-7AM व शाम 5-6PM स्वेच्छा से शिविरार्थियों के साथ मिलकर तय करेंगे |
समय | क्रिया |
6AM-7AM | श्रमाभ्यास (स्वेच्छिक) |
8AM-9AM | नाश्ता |
9.30-11.00AM | सामूहिक अध्ययन सत्र -1 (प्रबोधक के साथ) |
11- 11.30AM | चाय/शर्बत(drinks) |
11.30AM- 1.00PM | सामूहिक अध्ययन सत्र -2 (प्रबोधक के साथ) |
1.00PM- 3.00PM | Lunch+ विश्राम |
3.00PM-4.30PM | सामूहिक पठन |
4.30PM- 5.00PM | चाय नाश्ता |
5.00PM-6.00PM | श्रमाभ्यास (स्वेच्छिक) |
6.00-7.00PM | विश्राम / विहार |
7.00-8.00 PM | रात्री भोजन |
8.00-9.00 PM | गोष्ठी/ discussion (शिविरार्थी आपस मे करेंगे,संस्थान परिवार भी उपलब्ध रहेंगे ) |
9.00PM | विश्राम |
इसके अलावा अन्य समय नित्यकर्म/योगप्राणायाम/अन्य व्यक्तिगत अभ्यास/ revision/स्वाध्याय के लिए उपलब्ध है|
स्वयं सेवक सहयोगी:
कुछ पुराने 6 माह सत्रों से गुजरे हुए लोग स्वयं सेवक के रूप में भागीदारी कर सकते हैं| ये लोग शिविर प्रभारी के साथ मिलकर भागीदारी करेंगे | गोष्ठी में भी भागीदारी कर सकते हैं | इन्हे अध्ययन शिविर में सत्रों बैठकर revision का अवसर भी मिलेगा |
पंजीयन व सहयोग राशि
- ऑनलाइन पंजीयन फॉर्म
- पंजीयन संपर्क: शिविर प्रभारी – बालमुकुंद- 7089313341 | दिनांक 31 जून तक|
- भोजन और ठहरने की व्यवस्था के और सहयोग राशि:
- प्रतिभागी अपना भोजन एवं रहने का खर्च स्वयं वहन करेंगे: प्रति दिन: १५० रूपए प्रति व्यक्ति | ३० दिन के लिए (१ सत्र) के लिए ठहरने एवं भोजन का व्यय प्रति व्यक्ति 4,500 रूपए होते हैं |
- प्रबोधन कार्य का कोई प्रतिफल नहीं है