Jan 062022
 

26th Jeevan Vidya Varshik Sammelan (Online) | 26th Jeevan Vidya Online Sammelan

*आमंत्रण*

*26 वा जीवनविद्या वार्षिक सम्मेलन (ऑनलाईन) 6-9 जनवरी, सवेरे 6 बजे से पहले 2 दिन 8.30 तक, तीसरा दिन 10.10 तक, और चौथा दिन रविवार 11.15 तक चलेगा। इस वर्ष का विषय “मध्यस्थ दर्शन में अध्ययन अभ्यास एवं परिवार की अविभाज्यता” है. चार दिनों का कार्यक्रम शैडयूल व यू-ट्यूब लिंक आपको इस आमंत्रण के साथ भेज रहे है।कृपया आप अवश्य जुड़े।*🙏

https://bit.ly/dayone06-01-22
https://bit.ly/daytwo07-01-22
https://bit.ly/daythree08-01-22
https://bit.ly/dayfourlast09-01-22

*निवेदक*
*राजस्थान अध्यनशील परिवार समुह*

व्याख्या:

मित्र, जैसा कि आप जानते हैं इस साल के जीवन विद्या सम्मेलन का विषय है,
*मध्यस्थ दर्शन में अध्ययन, अभ्यास और परिवार की अविभाज्यता*
यह विषय क्यों लिया गया, इसके कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
1. स्वयं अध्ययन के लिए आवश्यक वातावरण और प्रवृत्ति परिमार्जन के लिए व्यवस्था की अनिवार्यता है…..परिवार एक व्यवस्था है,न्याय परिवार में होता है।
2. न्याय प्रवृत्ति के विकास के लिए शिक्षा की प्रथम पाठशाला परिवार है। इसलिए अध्ययन अभ्यास के लिए परिवार मूल इकाई है। परिवार व्यवस्था में मानव की सभी पहचान पूरी हो जाती है…
3. ज्ञान को पाने के लिए भक्ति विरक्ति का विकल्प….
*परिवार मूलक ग्राम स्वराज्य व्यवस्था*
परिवार क्यों ? परिवार कैसे ?
4. अव्यवस्था की पीड़ा से मुक्ति का रास्ता…..
“परिवार मूलक ग्राम स्वराज्य व्यवस्था”
परिवार व्यवस्था को समझना,परिवार व्यवस्था में जीना !
5. मानव ही मानव के विकास और ह्रास के लिए प्रधानत: सहायक है। परिवार संबंध में सहायता से मानव समझदार कैसे हो सकता है ?
6. प्रत्येक मानव को समझने का अधिकार जन्म से मिला हुआ है। मानव संतान परिवार में जन्म लेती है। परिवार का प्रयोजन क्या है ?
7. परिवार में जन्म लेने का अर्थ क्या है ? परिवार से मानव को नाम मिलता है…नाम का अर्थ क्या है ? परिवार से मानव को जाति धर्म कर्म का परिचय होता है… जाति /धर्म/कर्म का अर्थ क्या है ?
आइए सुनते हैं!
जनवरी 6-9, सवेरे 6 बजे से ऑनलाइन!
आपकी शेयरिंग का भी स्वागत है।

 January 6, 2022  News & Events