Jan 082021
 

स्तुषी समूह में मध्यस्थ दर्शन सह अस्तित्ववाद में अध्ययनरत बहनें देश के अलग-अलग प्रांतों से पठन, अध्ययन और सार्थक संवाद के लिए जुड़ी हुई हैं।

स्तुषी का प्रारंभ और आवश्यकता की पृष्ठभूमि

18 मार्च 2016 को अमरकंटक में बहनों में यह तय हुआ की आपस में दर्शन की चर्चा एवं मिलने-जुलने के लिए सभी बहनें वर्ष में एक बार साथ में मिलेंगी और इस तरह स्तुषी ग्रुप का शुभारंभ हुआ।

उसके बाद इसकी वार्षिक मीटिंग क्रमश: बनारस, रायपुर एवं इंदौर में हुई। जीवन विद्या राष्ट्रीय सम्मेलन में भी स्तुषी की प्रस्तुति सरदारशहर, बनारस, अहमदाबाद और नागपुर अनलाइन सम्मेलन में हुई।

स्तुषी कार्यकारिणी में आदरणीय शारदा शर्मा (अंबा दीदी) के संरक्षण में 22 लोग का परामर्श मंडल का गठन हुआ, जिससे सभा विधि से निर्णय लिया जा सके। परामर्श मंडल में निर्णय प्रक्रिया में 3 पीढ़ियों की भागीदारी सुनिश्चित है। अब इस ग्रुप में 300 के आसपास बहनें उत्साह पूर्वक जुड़ी है। भारत के 12 से 15 राज्यों की बहनें  इसमें शामिल हैं। इसमें प्रौढ़, वयस्क एवं युवा 3 पीढ़ी के लोग साथ-साथ है ।

विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय मंडल बने हैं, जिससे कि राज्य में भी बहनें आपस में एक दूसरे से परिचित हो सकें और विचारों का आदान-प्रदान के साथ कार्यक्रम में भागीदारी कर पाएं। दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़, गुजरात, झारखंड और दक्षिण भारत के क्षेत्रीय मंडल कार्यरत हैं।

उद्देश्य

  1. बहनों का ज्ञान प्रतिष्ठा में प्रतिष्ठित होना।
  2. स्वयं को ज्ञान संपन्न होकर मानव प्रतिष्ठा में प्रतिष्ठित होना।
  3. परिवार मूलक स्वराज्य व्यवस्था में निष्ठा स्थापित करना (यही हमारे प्रमाण का आधार होगा)।
  4. प्रतिभाओं को प्रोत्साहन करना।
  5. जहां-जहां भी बहनें कार्य कर रही है उन सबमें कार्य व्यवहार की एकसूत्रता के अर्थ में कार्य करना।
  6. समाधान मानसिकता का विकास करना।
  7. प्रकृति/अस्तित्व में लक्ष्य के पूरे होने की संभावना है, इस पर आश्वस्ति होना।
  8. लक्ष्य व दिशा की स्पष्टता के साथ मानवीयतापूर्ण आचरण से जीने के लिए कार्यक्रम को प्रोत्साहित करना।
  9. उसके क्रियान्वयन की रूपरेखा व स्पष्टता की योग्यता का विकास करना।
  10. उत्सव उत्साहपूर्वक जीने की परंपरा विकसित हो सके।

  कार्यक्रम एवं गतिविधियां :

  1. मुख्यतः बाबाजी के संवाद, और मध्यस्थ दर्शन के सूत्रों पर चर्चा।
  2. सितंबर में राष्ट्रीय गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया, उसमे लगभग 25 बहनों की  अभिव्यक्ति रही।
  3. प्रत्येक 15 दिन के अंतराल में स्तुषी पाक्षिक गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया।
  4. एक राष्ट्रीय गोष्ठी और 5 पाक्षिक गोष्ठी का सफल संचालन (14 जनवरी, 2021) हो चुका है जिसे यू-ट्यूब पर प्रसारित किया गया।
  5. बहनों के समय का ध्यान रखते हुए प्रत्येक हफ्ते में 5 दिन (एक घंटा) मध्यस्थ दर्शन का अध्ययन होता है ।
  6. बहनों के शरीर स्वास्थ्य से संबंधित विषय जैसे गर्भावस्था, प्रसुति, प्रसुति के बाद का देखभाल, मासिक धर्म, ब्रेस्ट कैंसर, किशोरों की समस्याएं, युवा वर्ग की समस्या स्पष्टता और उनका समाधान, विवाह के पूर्व कि मानसिक तैयारी, बुजुर्गों की सेवा का तरीका, और स्वास्थ्य का मन पर प्रभाव, ये सभी विषय  पर जानकारी, समय समय पर विशेषज्ञों से चर्चा।

सारे कार्यक्रम सुचारू रूप से चलने के लिए 4 बहनों की समन्वयक टीम है। समन्वयक टीम परामर्श मंडल, स्तुषी  ग्रुप, क्षेत्रीय ग्रुप के निर्माण एवं उसका सफल संचालन एवं उसमें  एकसूत्रता बनाए रखने कि जिम्मेदारी निर्वहन करती हैं। 

समन्वयक मंडल के सदस्य हैं

  • निशा संगल, सुनीता पाठक, वन्दना सिंघल और शालू अग्रवाल

परामर्श मण्डल के सदस्य हैं

  • शारदा शर्मा (अम्बा दीदी), अनुराधा  जोशी, अनीता शाह, चानी चावड़ा, ज्योति पुराणिक, मीना गाड़ोडिया, निशा संगल, नीति जैन, नियोमी बहन, रुपाली गोसावी, सुनीता पाठक, सुनीता जैन, सुमन रावत, सुवर्णा शास्त्री, सुषमा अग्रवाल, शालू अग्रवाल, शालिनी अरोरा, शीतल टाक, शालिनी जनक, शेफाली संगल, सुरम्या पाठक, वंदना सिंघल।

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संपर्क :

  • निशा संगल (7505697225), सुनीता पाठक (7011064596),
  • वन्दना सिंघल (9373322153), शालू अग्रवाल (99260 26655)
 January 8, 2021  News & Events
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